“लोकसभा चुनाव में कौन होगा उम्मीदवार? नए चेहरों को मिलेगा मौका या पुराने होंगे रिपीट, बीजेपी हाईकमान ने 6 घंटे तक किया मंथन:
लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार का चयन: नए चेहरों का मौका या पुराने होंगे रिपीट
लोकसभा चुनाव हमारे देश में राजनीति का एक महत्वपूर्ण पहलुई है, जिसमें सवाल उठता है कि कौन होगा उम्मीदवार? क्या नए चेहरों को मिलेगा मौका, या क्या पुराने होंगे रिपीट? इस प्रश्न का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक शुक्रवार सुबह समाप्त हुई. इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट को अंतिम रूप देने के लिए विचार-विमर्श किया गया.बीजेपी हाईकमान ने शनिवार को 6 घंटे तक चलने वाले मंथन के जरिए खोजने का प्रयास किया है।
“बीजेपी हाईकमान का मंथन एक महत्वपूर्ण कदम है जो चुनाव प्रक्रिया को समर्थन और समझदारी के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इसमें विभिन्न राजनीतिक उम्मीदवारों को सुना गया और उनके योजनाओं, विचारों और उद्देश्यों को समझने का प्रयास किया गया है।मंथन में सामील रहने वाले नेताओं में से कुछ ने जताया कि चुनावों में नए चेहरों को मौका मिलना चाहिए। उनका कहना है कि नए उम्मीदवारों को समर्थन देने से पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी और युवा पीढ़ी को राजनीति में आने का साहस मिलेगा।इसके विपरीत, कुछ नेता मानते हैं कि अनुभवी उम्मीदवारों को ही चुनना बेहतर है क्योंकि उनके पास सीधे सम्बंध, सामग्री और नेतृत्व की क्षमता होती है। वे कहते हैं कि नए चेहरे अक्सर अनभिज्ञ और समझदारी की कमी के कारण कमजोर हो सकते हैं, जिससे पार्टी को हानि हो सकती है।पहले प्रधानमंत्री आवास पर दो घंटे बैठक चली. ये बैठक शाम 7 बजे के बाद शुरू हुई थी. उसके बाद बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक पहले प्रधानमंत्री आवास पर दो घंटे बैठक चली. ये बैठक शाम 7 बजे के बाद शुरू हुई थी. उसके बाद बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक मे 4 घंटे तक मैराथन मंथन किया गया. बीजेपी हेड क्वार्टर में रात 11 बजे से तड़के 3 बजे तक सीटों पर चर्चा होती रही.
भाजपा का चुनावी रणनीति: “पहले घोषित होंगे उम्मीदवार, कमजोर सीटों पर” आने वाले लोकसभा चुनावों की घड़ी नजदीक आ रही है और राजनीतिक पार्टियों ने अपनी रणनीतियों को मजबूत करने के लिए गहरी तैयारी कर रखी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो हमेशा से अपनी मजबूती और विजय का अभी तक आदान-प्रदान रखती रही है, ने एक नई रणनीति को आमंत्रित किया है – “पहले घोषित होंगे उम्मीदवार, कमजोर सीटों पर”। यह रणनीति भाजपा की चुनावी तैयारी को नए मोड़ पर ले जा सकती है और कमजोर सीटों पर एक मजबूत प्रस्तुती द्वारा पार्टी को विस्तार करने का प्रयास कर सकती है। इस रणनीति के माध्यम से, भाजपा ने यह साबित करने का प्रयास किया है कि वह सिर्फ अपनी मजबूती क्षेत्रों पर ही ध्यान केंद्रित करने के बजाय, कमजोर सीटों पर भी गहरा प्रभाव डालने के लिए तैयार है। यह रणनीति उन जगहों की पहचान करने की कठिनाइयों का सामना करने का एक प्रयास है जहां पार्टी की पूर्ववर्ती चुनौतियों के कारण कमजोरी आ सकती है।
370+’ के लिए श्रीनगर में PM मोदी का मेगा प्लान, 2 लाख लोगों की भीड़ और करोड़ों के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन: बीजेपी को 370+ सीटें जिताने के मिशन को लेकर चल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी रैली कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि 7 मार्च को श्रीनगर में प्रधानमंत्री मोदी मेगा रैली को संबोधित कर सकते हैं. इस रैली में दो लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है. इस प्रोजेक्ट का उद्दीपन ‘370+’ के समर्थन में है, जिसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर के स्थायी समाधान को बढ़ावा देना है और वहां की जनता को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।धारा 370 हटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू-कश्मीर का ये पहला दौरा होगा. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई अहम प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी कर सकते हैं. इसके साथ ही वो केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से भी बातचीत कर सकते हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी को जम्मू के लिए 13,200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया था. तब उन्होंने कहा था कि धारा 370 जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा थी और बीजेपी सरकार ने इसे हटा दिया है. उन्होंने कहा था, ‘जिस सरकार की प्राथमिकता सिर्फ एक परिवार का कल्याण है, वो आम लोगों के कल्याण के बारे में नहीं सोच सकती. मुझे ये देखकर खुशी हो रही है.कि जम्मू-कश्मीर वंशवादी शासन से मुक्त हो रहा है.’