“CAA के बावजूद क्या बहार से आये मुस्लिमों (पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान) को मिल सकती है भारत की नागरिकता? जानिए क्या है सिस्टम ?
CAA (नागरिकता संशोधन कानून) एक विवादास्पद और उच्चारित कानून है जो भारत में 2019 में पारित किया गया था। इसका उद्देश्य है भारत में शासन के अनुसार धर्म, राजनीति, और लागूता की बजाय धर्म, वंश, और नागरिकता के आधार पर नागरिकता प्रदान करना है।CAA के चलते भले ही तीनों पड़ोसी देशों से आए मुस्लिम समुदाय के लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं, लेकिन पुराने कानून के तहत दावा कर सकते हैं. विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता पाने के लिए पुराने कानून की मदद लेनी होगी. इतना ही नहीं, पुराने कानून की मदद से ही सिंगर अदनान सामी ने ने 2016 में भारतीय नागरिकता हासिल की थी. CAA ने विभिन्न धार्मिक समूहों के लोगों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए, भारत में प्रवासी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इस्लामी धर्म के अनुयायियों को यदि वे प्रारंभ से 31 दिसम्बर 2014 से पहले भारत आए हों, तो नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया है। CAA तहत अब तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थी (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई) को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है. मुस्लिम समुदाय को इसके दायरे से बाहर रखा गया है. इसलिए उन्हें लगता है कि भेदभाव किया जा रहा है. हालांकि, सरकार का तर्क है कि इन तीनों देशों में मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक में आता है. जबकि सीएए के दायरे में लाए गए 6 गैर मुस्लिम समुदाय वहां अल्पसंख्यक में गिने जाते हैं. वहां उन्हें धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया जाता है, इसलिए तंग आकर ऐसे शरणार्थी सालों पहले भारत में आकर रह रहै हैं. ”
“बाहरी मुस्लिम कैसे हासिल ले सकते हैं भारतीय नागरिकता, जानिए क्या है CAAसिस्टम ? भारतीय नागरिकता को हासिल करना विदेशी मुस्लिमों के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं और विशेषताओं के साथ जुड़ा हो सकता है। CAA (नागरिकता संशोधन कानून) की तहत, भारत में नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे विदेशी मुस्लिम व्यक्तियों को इसका लाभ उठाने का संधारित हक है।
अधिकारिक रूप से प्रवेश करना: विदेशी मुस्लिम व्यक्तियों को पहले से ही भारत में प्रवेश के लिए योजना बनानी होगी। विभिन्न उच्च शिक्षा, कार्य, या विभिन्न उद्यमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नागरिकता प्रदान करने के लिए CAA का लाभ: CAA ने विशेष धर्म समूहों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया है, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से भारत आए हों और जिनका प्रवास 31 दिसम्बर 2014 से पहले हुआ हो। इससे उन व्यक्तियों को भी नागरिकता प्रदान की जा सकती है जो मुस्लिम हैं।
विशेष धर्म से संबंधित आवेदन प्रक्रिया: विशेष धर्म से आए विदेशी मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया में विशेषता है, जिसमें उन्हें अपनी पूर्व रहेगी का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा और अपने धर्म और वंश का प्रमाण।
नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया: विदेशी मुस्लिमों को नागरिकता प्राप्त करने के लिए निर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिसमें आवेदन, साक्षात्कार, और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत हो सकती है।
विचारात्मक और सामाजिक समर्थन: नागरिकता प्राप्ति के लिए साक्षात्कार और अन्य प्रक्रियाओं में विचारात्मक और सामाजिक समर्थन भी महत्वपूर्ण हैं। उन्हें भारत में अपने समुदाय से जुड़कर रहना और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना भी आवश्यक है।
समझदारी और सहानुभूति: नागरिकता प्राप्ति की प्रक्रिया में समझदारी और सहानुभूति बहुत महत्वपूर्ण हैं। विदेशी मुस्लिम व्यक्तियों को भारत की संविधानिक और सामाजिक विशेषताओं को समझने में सक्षम होना चाहिए।
विदेशी मुस्लिम व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए CAAसिस्टम के तहत प्रदान किए गए अवसरों का सही रूप से उपयोग करने के लिए विचारशील और सतर्क रहना चाहिए। यह एक सामाजिक प्रक्रिया है और इसे सही रूप से समझकर ही नागरिकता प्राप्ति का परिचय हो सकता है।
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