ओवैसी ने बिहार की 11 सीटों से उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया इन 11 सीटों में किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, काराकाट, बक्सर, गया, मुजफरपुर और उजियारपुर शामिल है.भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद उल्लेखनीय नाम, असदुद्दीन ओवैसी, ने हाल ही में बिहार के राजनीतिक मंच पर अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की प्रस्तुति की है। यह एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसने बिहार की राजनीतिक दलों में गहरी चर्चा और उत्साह को उत्पन्न किया है।
असदुद्दीन ओवैसी का नाम भारतीय राजनीति में मुसलमानों के मुद्दों और उनके हकों के पक्ष में खड़ा होने के लिए जाना जाता है। उनके राजनीतिक संघर्ष और उदारता का यह ऐलान देखते हुए, वे अब बिहार के चुनावी मैदान में भी अपनी धारा बनाने का प्रयास कर रहे हैं।लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान से पहले ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा ऐलान किया है. ओवैसी ने बिहार की 11 सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है. AIMIM बिहार की किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, काराकाट, बक्सर, गया,मुजफरपुर और उजियारपुर सीट से अपने प्रत्याशी उतारेगी. असदुद्दीन ओवैसी ने पहले ही बिहार में अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारने के संकेत दे दिए थे. हालांकि, तब उन्होंने सिर्फ बिहार की किशनगंज सीट पर ही कैंडिडेंट उतारने की बात कंफर्म की थी. दरअसल, बिहार के किशनगंज में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता मोहम्मद जावेद ने बाजी मारी थी. इतना ही नहीं, 2019 में बिहार में कांग्रेस सिर्फ इसी सीट पर चुनाव जीती थी. असदुद्दीन ओवैसी के इस नए कदम ने बिहार की राजनीतिक स्तर पर गतिशीलता और रोचकता बढ़ा दी है। उनके उम्मीदवारों की प्रस्तुति से यह स्पष्ट होता है कि वे बिहार के राजनीतिक मंच पर एक नई राजनीतिक ताकत की भूमिका निभा रहे हैं।
बिहार की राजनीतिक दलों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी के उम्मीदवारों की प्रस्तुति से उन्हें एक अत्यंत उम्मीदवार और साक्षात्कार के रूप में देखा जा रहा है। इससे पूरे चुनावी मैदान में नये चुनौती और रोमांच की बूंदें गिरेंगी।”