दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े एक केस में जांच के लिए नया समन भेजा है. यह समन उन्हें दिल्ली जल बोर्ड के एक केस के लिए पेश होने के लिए भेजा गया है, जो आपत्तिजनक हो सकता है। इस समन के परिणामस्वरूप, उन्हें 18 मार्च को पेश होने का आदेश दिया गया है। इसके बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक और मंत्री आतिशी ने जांच एजेंसियों और मोदी सरकार पर सवाल उठाए।ईडी ने उन्हें 18 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है. ईडी के समन के बाद AAP विधायक और मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जांच एजेंसी और मोदी सरकार पर सवाल उठाए. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को ईडी के द्वारा नौवां समन भेजे जाने के बाद प्रदेश सरकार में वित्त मंत्री आतिशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और जांच एजेंसियों सहित मोदी सरकार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को ईडी का एक और समन मिला है और उन्हें दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित कुछ जांच में शामिल होने के लिए कहा गया. हम दर्ज किए गए मामले से अनजान हैं. अरविंद केजरीवाल को फर्जी मामले में तलब किया गया है.ईडी द्वारा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ किए गए ये समन राजनीतिक मायने रखते हैं। AAP के नेता और मंत्री के इस प्रकार के बयान और प्रवर्तन निदेशालय के समन को लेकर उनके खिलाफ नए बहानों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर अनुसंधान करते हुए, पार्टी के नेताओं ने कहा कि ईडी के समन का उद्देश्य अरविंद केजरीवाल को रोकना है और उनकी कामकाज को बाधित करना है।
आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अदालत में पेश हुए क्योंकि उन्होंने कहा था बजट सेशन खत्म होने के बाद वह खुद अदालत जाएंगे क्योंकि क्योंकि AAP कानून और अदालत का सम्मान करती है.आतिशी ने विशेष रूप से मोदी सरकार और जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए। उन्होंने इसे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत करवाया जाने का रूप दिया। उन्होंने कहा कि ये सभी प्रयास उन्हें बाहरी हलके में देखने का प्रयास हैं, ताकि वे अपने कामकाज से हट जाएं।
अरविंद केजरीवाल की पकड़ मजबूत है, लेकिन इस प्रकार के समन और उनके खिलाफ बार-बार आरोप लगाना, उन्हें नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यह भी दिखाता है कि वे राजनीतिक विरोधियों के नजरिए में अच्छे नहीं हैं, जो उनके खिलाफ नए और असत्य आरोप लगा सकते हैं।इस बयान से स्पष्ट होता है कि AAP की पार्टी कानून और अदालत के महत्व को मानती है और उनके नेता इसे अपने व्यवहार में दिखाते हैं। अरविंद केजरीवाल ने बजट सत्र के बाद अपने वादे को पूरा करने के लिए अदालत में पेश होने का निर्णय किया, जो उनके संवैधानिक दायित्वों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस संदर्भ में, आतिशी ने अपने बयान में उजागर किया कि उनकी पार्टी न केवल राजनीतिक मंच पर कानूनीता के मूल्यों को बढ़ावा देती है, बल्कि वे यह भी मानते हैं कि किसी भी व्यक्ति या पद के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।”